वैदिक ज्योतिष के अनुसार, नवग्रह बीज मंत्र अत्यंत शक्तिशाली माने जाते हैं और इनका जाप ग्रहों के अशुभ प्रभावों को कम करने, शुभ फल प्राप्त करने और जीवन में समृद्धि लाने में सहायक होता है। हालांकि, यह दावा कि केवल 11 बार जाप करने से सभी ग्रह मनचाहा फल प्रदान करते हैं, सामान्य रूप से ज्योतिषीय ग्रंथों या डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली की शिक्षाओं में स्पष्ट रूप से उल्लिखित नहीं है। श्रीमाली जी ने अपनी पुस्तक “मंत्र रहस्य” और अन्य कार्यों में मंत्रों की शक्ति और जाप की विधि पर जोर दिया है, लेकिन विशिष्ट संख्या (जैसे 11 बार) के साथ सभी ग्रहों के लिए तत्काल फल प्राप्ति का दावा सत्यापित जानकारी के अभाव में सामान्यीकरण हो सकता है।
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निम्नलिखित नवग्रहों के बीज मंत्र हैं, जो वैदिक ज्योतिष में प्रचलित हैं। प्रत्येक ग्रह के लिए जाप की संख्या और विधि अलग-अलग हो सकती है, और सामान्यतः इन्हें 108 बार या अधिक जपने की सलाह दी जाती है। नीचे दिए गए मंत्र और उनकी सामान्य जाप संख्या हैं, जो शास्त्रों और ज्योतिषीय स्रोतों पर आधारित हैं:
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नवग्रह बीज मंत्र:Navgraha Beej Mantra
- सूर्य: ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः
- जाप संख्या: 7000 (सामान्यतः)
- दिन: रविवार
- लाभ: मान-सम्मान, स्वास्थ्य, और समृद्धि।
- चंद्र: ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः
- जाप संख्या: 11000
- दिन: सोमवार
- लाभ: मानसिक शांति, भावनात्मक स्थिरता।
- मंगल: ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः
- जाप संख्या: 10000
- दिन: मंगलवार
- लाभ: साहस, ऊर्जा, और संघर्षों पर विजय।
- बुध: ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः
- जाप संख्या: 9000
- दिन: बुधवार
- लाभ: बुद्धि, संचार कौशल, और व्यापार में सफलता।
- गुरु (बृहस्पति): ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः बृहस्पतये नमः
- जाप संख्या: 19000
- दिन: गुरुवार
- लाभ: ज्ञान, धन, और आध्यात्मिक उन्नति।
- शुक्र: ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः
- जाप संख्या: 16000
- दिन: शुक्रवार
- लाभ: ऐश्वर्य, प्रेम, और सौंदर्य।
- शनि: ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः
- जाप संख्या: 23000
- दिन: शनिवार
- लाभ: कर्म फल में सुधार, बाधाओं से मुक्ति।
- राहु: ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः
- जाप संख्या: 18000
- दिन: शनिवार (रात्रि)
- लाभ: मानसिक तनाव और अज्ञात भय से मुक्ति।
- केतु: ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः
- जाप संख्या: 17000
- दिन: मंगलवार या शनिवार (रात्रि)
- लाभ: आध्यात्मिक प्रगति और मोक्ष की प्राप्ति।
जाप की सामान्य विधि:Navgraha Beej Mantra
- स्नान और शुद्धता: जाप से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- माला: रुद्राक्ष या स्फटिक की माला का उपयोग करें। सामान्यतः 108 मनकों वाली माला से जाप किया जाता है।
- संख्या: मंत्र जाप की संख्या को कम नहीं करना चाहिए। 108 बार जाप न्यूनतम माना जाता है।
- ध्यान: संबंधित ग्रह के देवता का ध्यान करें (जैसे सूर्य के लिए सूर्यदेव, चंद्र के लिए चंद्रदेव, आदि)।
- स्थान और समय: शांत स्थान पर, प्रातःकाल या ग्रह के लिए निर्धारित दिन और समय पर जाप करें।
- संकल्प: जाप शुरू करने से पहले जल लेकर संकल्प करें कि आप कितने जाप करेंगे और किस उद्देश्य के लिए।
- नियम: जाप के दौरान खांसना, छींकना, या बात करना वर्जित है। एकाग्रता बनाए रखें।
डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली के संदर्भ में:
डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली (परमहंस निखिलेश्वरानंद) ने अपनी पुस्तक “मंत्र रहस्य” और अन्य कार्यों में मंत्रों, तंत्रों, और यंत्रों की वैज्ञानिक और आध्यात्मिक शक्ति पर प्रकाश डाला है। वे कहते हैं कि मंत्र जाप में विश्वास, श्रद्धा, और सही विधि का पालन आवश्यक है। हालांकि, उनके कार्यों में यह विशेष रूप से नहीं कहा गया कि केवल 11 बार जाप करने से सभी ग्रह मनचाहा फल देंगे। यह संभव है कि यह दावा लोकप्रिय मान्यताओं या अतिशयोक्ति पर आधारित हो। श्रीमाली जी के अनुसार, मंत्र जाप का प्रभाव तभी पूर्ण होता है जब इसे नियमितता, श्रद्धा, और सही उच्चारण के साथ किया जाए।
सावधानी:
- ज्योतिषीय परामर्श: मंत्र जाप शुरू करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाएं, ताकि यह पता चल सके कि कौन सा ग्रह अशुभ है और उसके लिए कौन सा मंत्र जाप करना उचित होगा।
- गुरु दीक्षा: श्रीमाली जी ने गुरु दीक्षा के महत्व पर जोर दिया है। बिना गुरु के मार्गदर्शन के मंत्र जाप में सावधानी बरतें, विशेष रूप से राहु और केतु जैसे छाया ग्रहों के लिए।
- 11 बार जाप का दावा: यह दावा सामान्य ज्योतिषीय प्रथाओं से मेल नहीं खाता, क्योंकि ग्रहों की शांति के लिए सामान्यतः हजारों जाप (जैसे 7000, 11000, आदि) निर्धारित हैं। यदि यह दावा किसी विशिष्ट साधना या संदर्भ से लिया गया है, तो कृपया उसका विवरण प्रदान करें, ताकि मैं अधिक सटीक जानकारी दे सकूं।

निष्कर्ष:
नवग्रह बीज मंत्र शक्तिशाली हैं, लेकिन उनके प्रभाव के लिए सही विधि, नियमितता, और श्रद्धा आवश्यक है। केवल 11 बार जाप करने से मनचाहा फल प्राप्ति का दावा शास्त्रीय रूप से सत्यापित नहीं है। यदि आप डॉ. श्रीमाली के किसी विशिष्ट साधना विधान या पुस्तक का उल्लेख कर रहे हैं, तो कृपया उसका नाम या विवरण दें, ताकि मैं उस संदर्भ में अधिक जानकारी प्रदान कर सकूं।
यदि आप चाहें, तो मैं किसी विशिष्ट ग्रह के मंत्र या साधना के बारे में विस्तार से बता सकता हूं।